Saturday 26 May 2012

Santa & Banta


संता (ज्योतिषी से)- महाराज, बताइए मेरी शादी कब होगी?
ज्योतिषी- कभी नहीं होगी।
संता- क्यों?
ज्योतिषी- कैसे होगी? तुम्हारे भाग्य में तो सुख ही सुख लिखा है!
            
नासा ने संता को चांद पर भेजने का फैसला किया।
मगर संता आधे रास्ते से ही वापस आ गया।
संता ने कहा आज तो अमावस है ना, चांद तो होगा ही नहीं..
            
संता आराम से बैठा था।
बंता (संता से)- कुछ काम करो।
संता (बंता से)- मैं गर्मियों में काम नहीं करता हूं।
बंता- और सर्दियों में?
संता- गर्मियां आने का इंतजार!
            
संता का बाप अमेरिका से आया..
बाप- तेरी मां कहां है?
संता- मर गई
बाप- तूने मुझे बताया क्यों नही?
संता- मैंने सोचा सरप्राइज दूंगा....
            
संता (बंता से)- तेरे कुत्ते ने मेरी किताब फाड़ दी!
बंता (संता से)- मैं उसे सजा देता हूं।
संता- मैंने सजा दे दी।
बंता- कैसे?
संता- मैं उसकी कटोरी का दूध पी गया।
            
विदेश यात्रा से लौटकर आये संता ने अपनी बीवी से पूछा- क्या मैं विदेशी जैसा दिखता हूं?
बीवी- नहीं तो
संता- तो फिर लन्दन में एक औरत क्यों पूछ रही थी कि मैं विदेशी हूं या नहीं?
            
संता (बंता से)- तू शीशे के सामने बैठकर क्यों पढ़ता है?
बंता (संता से)- इसके बहुत फायदे हैं।
1. साथ में रिविजन हो जाता है।
2. खुद पर नजर भी रहती है।
3. पढ़ने के लिए कंपनी मिल जाती है।
            
संता दुकानदार से : मुझे इंडिया का झंडा दिखाओ
दुकानदार ने इंडिया का झंडा निकालर दिखाया
संता : इसमें और कलर दिखाओ.
            
संता के बगीचे में बहुत सारे पेड़ थे। संता ने नौकर को बोला जा पेड़ में पानी डाल दे।
नौकर बोला साहब बारिश आ रही है,
संता : अरे बुद्धु छतरी पकड़कर कर पानी डाल दे पेड़ों में।
            
संता (बंता से)- मेरे जामुन के पेड़ के नीचे गुलाब का पेड़ क्यों लगा रहे हो?
बंता (संता से)- इसलिए कि दोनों पेड़ मिलकर हमें गुलाब जामुन देंगे।

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