एक उम्रदराज विधवा और विधुर में पिछले पांच सालों से बड़ी गहरी दोस्ती
थी। पुरुष ने आखिरकार महिला के आगे शादी का प्रस्ताव रख ही डाला। महिला ने
फौरन हां कह दिया।
अगली सुबह जब वह जागा तो उसे ठीक से याद नहीं आया कि मेरे शादी के प्रस्ताव के बारे में महिला ने क्या जवाब दिया था। हां या ना। काफी देर तक कोशिश करने के बाद भी जब याद नहीं आया तो उसने महिला को फोन लगाया और पूछा कि कल मेरे शादी के प्रस्ताव पर उसने क्या जवाब दिया था, हां या ना।
महिला ने कहा- भगवान का लाख-लाख शुक्र है कि तुमने फोन कर लिया। जवाब तो मैंने हां ही दिया था पर मैं ये भूल गई थी कि किसको दिया था!
अगली सुबह जब वह जागा तो उसे ठीक से याद नहीं आया कि मेरे शादी के प्रस्ताव के बारे में महिला ने क्या जवाब दिया था। हां या ना। काफी देर तक कोशिश करने के बाद भी जब याद नहीं आया तो उसने महिला को फोन लगाया और पूछा कि कल मेरे शादी के प्रस्ताव पर उसने क्या जवाब दिया था, हां या ना।
महिला ने कहा- भगवान का लाख-लाख शुक्र है कि तुमने फोन कर लिया। जवाब तो मैंने हां ही दिया था पर मैं ये भूल गई थी कि किसको दिया था!
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